कश्मीरी गेट का इतिहास (History of Kashmiri Gate)

क्या आप जानते हो ❓ उस जगह का इतिहास, जो अब के समय में दिल्ली का काफी प्रसिद्ध जगह है❓ हम बात कर रहे दिल्ली के कश्मीरी गेट की जो किसी समय लाल किले तक जाने का प्रवेश द्वार होता था और आज के समय में प्रसिद्ध स्थान है।तो क्या आपको पता है❓ दिल्ली के कश्मीरी गेट का इतिहास क्या है❓ क्या आप जानते हो❓दिल्ली के कश्मीरी गेट का निर्माण कब, क्यो और किसने करवाया? और इसका नाम कश्मीरी गेट कैसे पड़ा ❓तो चलिए आज हम जानते है,दिल्ली के कश्मीरी गेट का इतिहास:-  


यह कश्मीरी गेट दिल्ली में कहां है

दिल्ली का यह कश्मीरी गेट भारत की राजधानी दिल्ली के उत्तर जिले में भारतीय रेलवे स्टेशन पुरानी दिल्ली के पास कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन पर स्थित है।


दिल्ली के कश्मीरी गेट के बारे में 

दोस्तों आज हम जिस स्थान को कश्मीरी गेट के नाम से जानते  है उस स्थान पर एक गेट बनाया गया था इस गेट का नाम कश्मीरी गेट था।जिसके कारण इस स्थान को कश्मीरी गेट के नाम से जाना जाता है। इस गेट का प्रयोग  मुगलों के शासन काल व अंग्रेजों के शासन काल में  किया गया था। यह दिल्ली में जाने के लिए प्रवेश द्वार होता था। इस प्रवेश द्वार के माध्यम से दिल्ली में व दिल्ली के किले में प्रवेश किया जाता था। आज के वर्तमान समय में इस गेट के नाम के कारण यह स्थान काफी प्रसिद्ध हो गया है और दूसरा यहां पर मेट्रो रेल के स्टेशन का नाम भी कश्मीरी गेट रखा गया और यहां पर भारतीय रेलवे का पुरानी दिल्ली स्टेशन हैं जिसके कारण इस गेट के आसपास के क्षेत्र को काफी प्रसिद्ध माना जाता है। इस स्थान पर परिवहन अड्डा, मेट्रो अड्डा, और भारतीय रेलवे का अड्डा होने के कारण यह काफी मशहूर जगह में गिना जाता है।

दिल्ली के कश्मीरी गेट का इतिहास

दिल्ली के कश्मीरी गेट का इतिहास कई वर्षों पुराना है इसका इतिहास उस समय का है जब दिल्ली पर मुगलों का शासन होता था और उस समय मुगलों के शासन में दिल्ली पर शाहजहां का शासन रहा था। उस समय इसका निर्माण दिल्ली के लाल किले में प्रवेश के लिए किया गया था। उसके बाद जैसे-जैसे समय के साथ इस गेट का प्रयोग अलग-अलग रूप में किया जाता रहा।दिल्ली के कश्मीरी गेट का इतिहास मध्यकाल में  मुगलों से लेकर वर्तमान तक रहा है:-

मुगल काल में

इस गेट का निर्माण और प्रयोग मध्यकाल में मुगल शासन के काल में शाहजहां ने इसका निर्माण करवाया था। सन 1638 में जब शाहजहां ने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित किया था तब इन्होंने दिल्ली में एक शहर का निर्माण करवाया था जिसका नाम था शाहजहानाबाद और इसको चारों ओर से अनगढ़े पत्थरों से इस शहर को दीवारों से घेरकर बुर्जा का रूप में वर्गाकार और गोलाकार के रूप में निर्माण कराया गया।

इस शहर में निकासी और प्रवेश के लिए 14 दरवाजों का निर्माण करवाया गया था जिसमें से एक था कश्मीरी गेट। यह गेट उत्तर दिशा और उत्तर दिशा में कश्मीर होने के कारण इसका नाम कश्मीरी गेट रखा गया।



बहादुर शाह जफर और 1857 के विद्रोह में 

समय के अनुसार ही इस गेट का प्रयोग दिल्ली के शासको ने अपने राज्य की सुरक्षा के लिये  अलग अलग रूप मे किया।इसी तरह ही सन् 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश सेना ने और स्वतंत्रता सेनानियों ने इस गेट का प्रयोग किया । सन् 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन संग्राम में स्वतंत्रता सेनानियों ने इसी दरवाजे से तोप द्वारा ब्रिटिश  सेना पर हमला किया था। यही पर स्वतंत्रता सेनानी इकट्ठा होकर आंदोलन से संबंधित योजनाएं बनाया करते थे। यह दरवाजा प्रतीक हैं उन स्वतंत्रता सेनानियों का जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे।

ब्रिटिश शासनकाल में

यही वह दरवाजा है जिसके द्वारा ब्रिटिश शासकों ने दिल्ली में प्रवेश और दिल्ली पर विजय प्राप्त करने के लिए प्रयोग किया। ब्रिटिश शासकों का दिल्ली में पूरा अधिपत्य होने के पश्चात इन्होंने कश्मीरी दरवाजे के आसपास के क्षेत्रों को आवासीय परिसर के रूप में विकसित कर दिया गया और धीरे-धीरे इस गीत के आसपास एक आबादी वाला क्षेत्र बस गया।


देश के आजाद होने के बाद 

देश के आजाद होने के बाद ही धीरे धीरे वहा पर आबादी वाला  नगर बस गया। जिसके बाद वहा पर  रास्ता का निर्माण हुआ। 1965 में यातायात को सुगम बनाने हेतु कश्मीरी दरवाजे का एक भाग ध्वस्त कर दिया गया। कश्मीरी गेट को एक तरफ करके  उसके दूसरी तरफ एक लंबे रास्ते का निर्माण हुआ जो नई दिल्ली के तक जाता है।

वर्तमान स्थिति

दिल्ली से कश्मीरी गेट की वर्तमान स्थिति यह है कि वर्तमान में यह उत्तरी दिल्ली का एक मोहल्ला है, जो पुरानी दिल्ली क्षेत्र में आता है। यहां कुछ महत्त्वपूर्ण मार्ग मिलते हैं, जो लाल किले, महाराणा प्रताप अन्तर्राज्यीय बस टर्मिनल एवं दिल्ली जंक्शन रेलवे स्टेशन को जोड़ते हैं।

आज के समय में इसको  एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में जाना जाता है और यह एक पर्यटन स्थल बन चुका है।


दिल्ली गेट का इतिहास पढ़ें

भारतीय पुरातत्व संरक्षित

सन 1965 में जब इसका कुछ हिस्सा तोड़कर इसके एक तरफ एक रोड का निर्माण करवाया गया तब से ही इसको एक संरक्षित स्मारक भी घोषित किया गया तथा भारतीय पुरातात्त्विक सर्वेक्षण विभाग को सौंप दिया गया।


दिल्ली के कश्मीरी गेट की वीडियो देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल पर जाए(कश्मीरी गेट की वीडियो)

यहां के लिए यातायात के साधन

कश्मीरी गेट आज के समय में दिल्ली का वह स्थान है जहां पर आपको हर जगह से यहां के लिए यातायात के साधन उपलब्ध हो जाएंगे।
1. यहां का सबसे बड़ा बस अड्डा अंतरराष्ट्रीय बस अड्डा कश्मीरी गेट का ही है
2. इस जगह का सबसे बड़ा भारतीय रेलवे स्टेशन पुरानी दिल्ली का है।
3. यहाँ  का भारतीय रेलवे स्टेशन के साथ ही दिल्ली मेट्रो का भी सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन कश्मीरी गेट का है जहां पर तीन तरह की लाइन चलती है।

दिल्ली के कश्मीरी गेट में कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं है:-


कश्मीरी गेट के नियर काफी ऐसी प्रसिद्ध स्थान है जहां पर आप घूम सकते हो

4. दिल्ली के चांदनी चौक मार्केट


दोस्तों अगर यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो कमेंट करके जरूर बताएं और इसको शेयर करना ना भूले


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ