मुरादाबाद का इतिहास (History of Muradabad)

क्या आपको पता है?🤔 मुरादाबाद शहर का नाम मुगल सम्राट शाहजहां के बेटे मुराद के नाम पर पड़ा था 😳 व वर्तमान में मुरादाबाद को "पीतल" की नगरी भी कहते हैं😇


                                             




यह कहां पर है?

मुरादाबाद शहर भारत के राज्य उत्तर प्रदेश का जिला है जो कि मुरादाबाद के नाम से मशहूर है यह दिल्ली से लगभग 147 किलोमीटर व उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 344 किलोमीटर दूर  उत्तर-पश्चिम की दिशा में हैं।

यह शहर  रामगंगा नदी के तट पर स्थित है

मुरादाबाद का इतिहास

ऐसा कहा जाता है की मुरादनगर पर कई शासकों ने शासक  किया है जिनमें मौर्य शासक, गुप्त वंश शासक, सम्राट हर्षवर्धन शासक, कन्नौज के सम्राट यशोवर्धन, सम्राट पृथ्वीराज चौहान, राजपूत शासक आदि। ऐसा माना जाता है  कि 12वीं शताब्दी में यह क्षेत्र कठेरिया राजपूतों का शासन की जगह हुआ करती थी तब मुरादाबाद को मध्यकाल में "चौपला" कहा जाता था जिसमें 4 गांव थे। 1) दिनदारपुरा  2) भदौरा  3) मानपुर-नारायणपुर  व 4) देहरी

 16 वीं शताब्दी में कटारिया  राजा राम सुख "चौपला" का शासक था। सन 1624 ई. में शाहजहाँ के शासनकाल में  संभल के गवर्नर रुस्तम खान ने चौपला पर आक्रमण कर दिया और राजाराम सुख को पराजित करके "चोपला" पर अपना अधिकार जमा लिया। रुस्तम खान ने इसका नाम अपने नाम पर रुस्तम नगर रख लिया। और वहां पर एक किले का निर्माण करवा दिया। जब इसकी खबर शाहजहां को मिली तब शाहजहां के पुत्र राजकुमार मुराद बक्स ने एतराज जताया इसके बाद शाहजहां ने इस जगह का नाम  मुरादाबाद रख दिया गया। 

मुरादाबाद की भौगोलिक व जनसंख्या की स्थिति

यह समुद्र तल से 286 मीटर की औसत ऊंचाई पर स्थित है इसकी स्थिति  28 डिग्री'21 से 28 डिग्री-16 अक्षांश उत्तर और 78 डिग्री'4 से 79 रेखांश पूर्व के बीच में स्थित है (28.83 N  to 78 E)। मुरादाबाद का क्षेत्रफल 3718 प्रति वर्ग किलोमीटर में फैला है तथा  इसका घनत्व प्रति वर्ग किलोमीटर 1283 है।मुरादाबाद जिले की 2011 के अनुसार कुल जनसंख्या 47,72,006 है जिसमें शहरी 15,73, 623(32.98%)ग्रामीण  31, 98,383(67.02%) है।

2011 में संभल जिले नाम का एक नया जिला मुरादाबाद जिले के 2 जिले के साथ बनता है

मुरादाबाद पीतल नगरी के रूप में

मुरादाबाद को पीतल की नगरी व ब्रास सिटी के रूप में भी जाना जाता है मुरादाबाद में पीतल के उद्योगों का काम होता है यह एकमात्र भारत का ऐसा स्थान है जहां पर पीतल का सर्वाधिक मात्रा में निर्मितनिर्यात होता है यहां से पीतल के निर्मित उत्पादों को भारत के बाहर विदेशों में भी निर्यात होता है जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, और मध्यपूर्व एशिया आदि देशों में किया जाता है। 

मुरादाबाद पीतल के हस्तशिल्प के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। यहां पर पीतल से हस्तशिल्प द्वारा निर्मित विभिन्न प्रकार की चित्रकारी हिंदू देवी देवताओं के मुगलकालीन आदि चली जाती हैं यहां पर विभिन्न प्रकार के उत्पादों की सजावट के लिए डिजाइन में आकृति का इस्तेमाल होता है और अथार्त  अलग-अलग तरह के पीतल के धातु डिजाइन का इस्तेमाल होता है।

मुरादाबाद में पीतल से अतिरिक्त, एलुमिनियम स्टील, लोहा, तांबे से बने वस्तु, आयरन शीट, मेंथा आदि का भी उत्पादन करके निर्यात किया जाता है

यह शहर बड़ा औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण इसको राज्य सरकार ने 1999-2002 के उद्योग नीति में भी शामिल किया गया है।


मुरादाबाद में घूमने की प्रसिद्ध जगह व आकर्षण स्थल


मुरादाबाद में वैसे तो कोई बड़ी खास जगह नहीं है लेकिन फिर भी मुरादाबाद में विभिन्न वस्तुओं के खरीदने के स्थान (पीतल के उद्योग) पर भी कुछ ऐसी जगह है जहां पर घूमने बिना रहा नहीं  जा सकता है:-

  1. काली माता मंदिर: मुरादाबाद में  रामगंगा नदी के किनारे पर स्थित काली माता का मंदिर है जो 400 वर्ष से भी अधिक पुराना मंदिर है यहां पर हर वर्ष नवरात्रों में काफी भीड़ देखने को मिलती है ।

  2. मनोकामना व बड़े हनुमान जी मंदिर  : मुरादाबाद में ही मनोकामना मंदिर काफी प्रसिद्ध मंदिर हैं यहां पर मंगलवार को काफी भीड़ रहती है।यह मंदिर रेलवे कॉलोनी हरथला  में है।इस मंदिर में भगवान हनुमान जी की मूर्ति बनी हुई है इस मंदिर के अंदर ही भगवान राम सीता लक्ष्मण की भी मूर्तियां बनी हुई है साथ में अलग से श्री कृष्ण और भगवान शिव के परिवार की मूर्ति इस मंदिर के अंदर हैं। कहते हैं कि यहां पर भगवान हनुमान का जीर्णोद्धार हुआ था जिसके बाद इस मंदिर का निर्मााण किया गया। वर्तमान में यह मंदिर भव्य रूप में हैं इस मंदिर परिसर के बाहर नक्काशी की गई वह अलग-अलग तरह के चित्रों से सजाया गया है। यह मंदिर करीब 400 साल पुराना मंदिर है।

  3. साई मंदिर: मुरादाबाद बस स्टैंड से 5 किलोमीटर दूर साईं मंदिर है जो दीनदयाल नगर में स्थित है साईं बाबा का यह एक महान मंदिर है वहां कोई भी व्यक्ति आराम महसूस कर सकता है कोई भी प्रतिबंध के बिना इस मंदिर का आनंद ले सकता है यह मुरादाबाद के जगह का एक विशेष मंदिर हैं।
  4. गौतम बुध पार्क: यह गौतम बुध पार्क मुरादाबाद के हर्थला स्टेशन रोड पर स्थित है। यह भी मुरादाबाद बस स्टैंड से 5 किलोमीटर दूर है।यह पार्क भी ऐतिहासिक स्मारकों और पार्कों में से एक है इस पार्क  में कई तरह के उद्यान पेड़ पौधे है।
  5. प्रेम वॉटर किंग्डम: यह मुरादाबाद में ही रामपुर रोड पर स्थित है। यह प्रेम वाटर किंगडम बच्चों के लिए व परिवार के साथ घूमने के लिए अच्छी जगह है जहां पर आप समय बिता सकते हो। इसके अंदर वॉटर थीम पार्क भी है और बच्चों के लिए अनेक तरह के खेलने के  लिए झूले है।
  6. इको हर्बल पार्क: मुरादाबाद में हुई एक इको हर्बल पार्क है जोकि  मनोरंजन स्थल जैसा है यहां पर परिवार के साथ आकर इस स्थल का लाभ उठा सकते हैं यहां पर विभिन्न प्रजातियों का घर है  यहां पर एक झील भी है।
  7. जामा मस्जिद: मुरादाबाद के बकीपुर में  मुरादाबाद की जामा मस्जिद है जो कि धार्मिक स्थल है। यह मस्जिद को 1636 में संभल के गवर्नर रुस्तम खान ने बनवाई थी। यहा‌ पर दिन मे 4 बार नवाज अदा होती है।

  8. अकबर का किला: मुरादाबाद के हिमगिरी कॉलोनी में स्टेडियम रोड पर यह किला है। यह किला चार दिवारी  में छोटे-छोटे ईटों से बनाया गया है। यह अकबर मुगलकालीन वाला अकबर नहीं है  मुरादाबाद के  अकबर का है जिसने अपने लिए  किला बनवाया। इसके अंदर काफी अच्छा हरा भरा गार्डन है। इस किले के बाहर चार दिवारी पर काफी अच्छा आकर्षित सजावट की गई है।

  9. हाफिज शाहब की मजार: मुरादाबाद के रामगंगा नदी के किनारे हाफिज साहब की मजार है जो कि मुसलमानों के लिए धार्मिक स्थल है कहते हैं कि लोगो की यहां पर मन्नत मांगने पर पूरी हो जाती है जिसके कारण यहां पर मंगलवार को काफी तादाद में लोग आते हैं।


इन सबके अलावा भी यहा मुरादाबाद जिले मे कही ऐसे मंदिरमस्जिद और कई जगह है जहाँ पर आप घूमने के लिये जा सकते हो । खास बात यहा कि यह कि इस क्षेत्र के किनारे पर गंगा नदी की सहायक नदी रामगंगा है जिस  पर कई घाट बने हुए है और यहां पर घूमने के लिए एक अच्छा स्थल बना हुआ है और दूसरा यहां की यह क्षेत्र औद्योगिक  है जहां पर्यटक साल के पूरे महीने में देश विदेश से आते हैं जिससे यहां पर हमेशा भीड़ बनी रहती है।

यहां के लिए आने का साधन

आप मुरादाबाद किसी भी उससे आ सकते हैं जिसमें रेलगाडी, स्वयं  की गाड़ी जैसे कार , बाइक, ओटो, टैक्सी आदि से आया जा सकता है हवाई जहाज के लिए यहां पर आपको दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से आना होगा क्योंकि यहां का हवाई अड्डा वही है।



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